facebook policy 2023: ट्विटर के बाद अब फेसबुक और इंस्टाग्राम भी ब्लू टिक वेरिफिकेशन के लिए पैसा वसूलेगा। मेटा के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने रविवार देर रात सब्सक्रिप्शन सर्विस लॉन्च करने की जानकारी दी। अभी इसे ट्रायल बेसिस पर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के यूजर्स के लिए रोलआउट किया जा रहा है। टेस्ट के बाद अमेरिका में इसे लॉन्च किया जाएगा।
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facebook policy 2023: जुकरबर्ग इसी हफ्ते लॉन्च करेंगे सर्विस, शुरुआत ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से
जुकरबर्ग ने लिखा, इस हफ्ते हम मेटा वेरिफाइड सर्विस शुरू कर रहे हैं। यह एक सब्सक्रिप्शन सर्विस है। इसमें सरकारी पहचान पत्र के जरिए आपको ब्लू टिक मिल जाएगा। इससे अकाउंट को एक्स्ट्रा प्रोटेक्शन मिल सकेगी। इसके अलावा भी कई एक्स्ट्रा फीचर्स यूजर्स को दिए जाएंगे। यह नई सर्विस प्रामाणिकता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए है।
भारत को लेकर कुछ नहीं कहा
जुकरबर्ग ने बताया, ‘हम इसी हफ्ते ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में इस सर्विस को शुरु करेंगे। इसके बाद जल्द ही दूसरे देशों में भी रोल आउट करेंगे। इसके लिए यूजर को वेब के लिए हर महीने 11.99 डॉलर यानी करीब 1000 रुपए और 105 वालों को $14.99 यानी 1,200 से ज्यादा चुकाने होंगे।’ भारत में यह सर्विस कब लागू होगी इस बारे में अभी जानकारी सामने नहीं आई है।
सब्सक्रिप्शन पर जाने की 3 बड़ी वजहें
- मैक्रोइकोनॉमिक डाउनटर्न, कॉम्पिटिशन और कम विज्ञापन के कारण रेवेन्यू में गिरावट आई है।
- कंपनी को पूंजी कुशल बनाने के लिए जुकरबर्ग नए मॉडल से रेवेन्यू बढ़ाना चाहते हैं।
- जुकरबर्ग ने मेटावर्स के लिए बड़ा इन्वेस्टमेंट किया है। वो इसकी भरपाई करना चाहते हैं।
कोविड में हायरिंग, अब कॉस्ट कटिंग
बीते दिनों फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक ने अपने 11 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। कंपनी के 18 साल के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी हुई थी। कर्मचारियों को निकालने का ऐलान कंपनी के CEO मार्क जुकरबर्ग ने किया था। उन्होंने इसकी वजह गलत फैसलों से रेवेन्यू में आई गिरावट को बताया था।
मार्क ने कहा था, ‘कोविड की शुरुआत में, दुनिया तेजी से ऑनलाइन हो गई और ई-कॉमर्स के बढ़ने से रेवेन्यू में इजाफा हुआ। कई लोगों ने प्रिडिक्ट किया कि यह बढ़ोतरी स्थायी होगी जो महामारी खत्म होने के बाद भी जारी रहेगी। मैंने भी यही सोचा, इसलिए मैंने अपने इन्वेस्टमेंट में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया। दुर्भाग्य से, यह मेरी अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा।
न केवल ऑनलाइन कॉमर्स पहले के ट्रेंड पर लौट आया है, बल्कि मैक्रोइकोनॉमिक डाउनटर्न, कॉम्पिटिशन और कम विज्ञापन के कारण रेवेन्यू मेरी अपेक्षा से कम हो गया है। मुझसे ये गलती हुई और मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं। इस नए माहौल में, हमें और अधिक पूंजी कुशल बनने की जरूरत है। हमने संसाधनों को हाई प्रायोरिटी ग्रोथ एरिया में शिफ्ट कर दिया है।
2004 में हार्वर्ड में बनाई थी फेसबुक
जुकरबर्ग ने 2004 में हार्वर्ड में अपने होस्टल के कमरे में फेसबुक की स्थापना की थी साइट को बनाने का ओरिजिनल आइडिया एक सोशल नेटवर्क बनाना था ताकि हार्वर्ड के छात्र ऑनलाइन एक दूसरे से जुड़ सकें। हालांकि, साइट ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की और अन्य यूनिवर्सिटीज में विस्तार किया। अब ये 2.9 बिलियन से ज्यादा डेली एक्टिव यूजर्स के साथ एक ग्लोबल प्लेटफॉर्म बन गया है।
मार्क जुकरबर्ग शुरुआत से ही फेसबुक के CEO रहे हैं। उनके नेतृत्व में, फेसबुक एक छोटे स्टार्टअप से ग्लोबल सोशल मीडिया दिग्गज के रूप में ग्रो हुआ है। हालांकि, जुकरबर्ग की प्लेटफॉर्म पर डेटा लीक और फेक न्यूज: को लेकर आलोचना भी होती रही है।
भारत में ट्विटर का ब्लू सब्सक्रिप्शन 650 में, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन के 900 रुपए
मस्क 2023 के अंत तक ट्विटर को फाइनेंशियल रूप से मजबूत करना चाहते हैं। उन्होंने रेवेन्यू बढ़ाने के लिए ब्लू सब्सक्रिप्शन जैसी कुछ सर्विस को मॉडिफाई भी किया है। भारत में वेब यूजर्स के लिए इस सर्विस का मंथली सब्सक्रिप्शन 650 रुपए का है।
उधर, 18 फरवरी को टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (ZFA) मेथड को लेकर एक नई अनाउंसमेंट की थी। कंपनी ने ट्वीट कर लिखा, ’20 मार्च के बाद से केवल ट्विटर ब्लू सब्सक्राइबर ही टेक्स्ट मेसेजेस को अपने टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) मेथड के तौर पर यूज कर पाएंगे।’
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