Today panchang: एकादशी 3 September को आंवले के दान से मिलता है कई यज्ञों का फल

Today panchang: शुक्ल पक्ष की इस एकादशी को आमलकी या आंवला एकादशी के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने के साथ ही आंवले का दान करने का भी विधान है। जिससे कई यज्ञों का फल मिलता है। इस दिन आंवला खाने से बीमारियां खत्म होती हैं।

Today panchang: रंगभरी और आमलकी एकादशी

पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि होली से पहले आने वाली एकादशी को रंगभरी और आमलकी एकादशी कहा जाता है। इस दिन से बनारस में बाबा विश्वनाथ को होली खेलकर इस पर्व की शुरुआत की जाती है। ब्रह्मांड पुराण के मुताबिक इस दिन आंवले के पेड़ और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। इस दिन शुभ ग्रह योगों के प्रभाव से व्रत और पूजा का पुण्य और बढ़ जाएगा।

Today panchang: आंवले के दान से मिलेगा कई यज्ञों का पुण्य

पद्म और विष्णु धर्मोत्तर पुराण का कहना है कि आंवले का वृक्ष भगवान विष्णु को बहुत प्रिय होता है। इस पेड़ में भगवान विष्णु के साथ ही देवी लक्ष्मी का भी निवास होता है। इस वजह से आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन आंवले का दान करने से समस्त यज्ञों और 1 हजार गार्यो के दान के बराबर फल मिलता है। आमलकी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को मोक्ष की भी प्राप्ति होती है।

पवित्र स्नानः तिल, गंगाजल और आंवले से नहाने की परंपरा

इस एकादशी पर सूर्योदय से पहले उठकर पानी में गंगाजल की सात बूंद, एक चुटकी तिल और एक आंवला डालकर उस जल से नहाना चाहिए। इसे पवित्र या तीर्थ स्नान कहा जाता है। ऐसा करने से जाने-अनजाने में हुए हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। इसके बाद दिनभर व्रत और भगवान विष्णु की पूजा करना चाहिए। इससे एकादशी व्रत का पूरा पुण्य फल मिलता है।

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