Today Breaking News Gyanvapi Masjid: आप सभी को बता दे की ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) को लेकर अभी-अभी बड़ा खुलासा हुआ है। ASI सर्वे के दौरान प्रशासन को परिसर में कुछ हम पुख्ता सबूत मिले हैं। जिसके द्वारा ज्ञानवापी परिसर का फैसला हाई कोर्ट का सामने आया है। आइए आपको बताते हैं की ज्ञानवापी परिसर का आखिर हाई कोर्ट ने अपने बयान में क्या जवाब दिया है।
Today Breaking News Gyanvapi Masjid
Today Breaking News Gyanvapi परिसर का आखिर हाई कोर्ट ने अपने बयान में क्या जवाब दिया है।
Today Breaking News Gyanvapi Masjid: काफी लंबे समय से चल रहे ज्ञानवापी परिसर पर हंगामा को लेकर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। हाई कोर्ट फैसले के बारे में बताने से पहले हम आपको कुछ ऐसे राज बताने वाले हैं जो ज्ञानवापी परिसर से सीधे-सीधे तालुकात रखते हैं।
- ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान भगवान महाकाल का चित्रण दीवारों पर मिला है।
- ASI सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में महाकाल का रूद्र संघ जमीन में एक गुंबद के नीचे खुदाई के दौरान मिला है।
- प्रशासन की रिपोर्ट में सामने आया कि ज्ञानवापी परिसर में दीवारों पर कुछ ऐसी प्रतिलिपि मिली हैं। जो हिंदू महापुराणों से सीधा संबंध रखती हैं।
- परिसर की सबसे बड़ी गुंबद के नीचे महाकाल की एक शिवलिंग प्राप्त हुई है। जो की महाकाल के मंदिर वहां पर होने का प्रमाण जताती है।
- ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान कुछ इस प्रकार फ्वारे मिले हैं जिन्हें देखकर प्रशासन का कहना है कि यह किसी समय पर भगवान शिव की शिवलिंग थी।
- भगवान महाकाल की शिवलिंग का आकर बदलकर उन्हें एक नया पत्थर का रूप दे दिया गया है। जो अब प्रशासन के समक्ष आ पहुंचा है। प्रशासन ने अपनी छानबीन के दौरान जनता के सामने इन खास सबूतों का उल्लेख किया है।
ज्ञानवापी का निर्माण किसने करवाया
Today Breaking News Gyanvapi Masjid: आप सभी को यह जानकर बेहद हैरानी होगी कि ज्ञानवापी परिसर किसी समय पर हिंदू परंपराओं का आधार माना जाता था। इस परिसर में खास देवी देवताओं की एक से बड़ी एक अनोखी मूर्तियां स्थापित थी। लेकिन 1669 में औरंगजेब के आक्रमण के दौरान प्राचीन मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया इस मंदिर को प्राचीन विश्वेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता था। इसमें प्रमुख देवी देवता कुछ इस प्रकार रहे थे. महादेवी गोरी श्री गणेश और हनुमान जी के साथ भगवान महाकाल का रुद्र शिवलिंग स्थापित था।
लेकिन औरंगजेब ने मंदिर परिसर को दोस्त करके एक मस्जिद का निर्माण किया। लेकिन आज भी ऐसा माना जाता है कि मस्जिद की सीढ़िया में भगवान गणेश और गौरी देवी की मूर्ति दबी हुई है। लेकिन हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने इस ज्ञानवापी परिसर पर अहम मुद्दा खड़ा किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि ज्ञानवापी परिसर की अच्छी तरह से जांच की जाए ताकि प्राचीनतम मूर्ति व हिंदू परंपराओं का दोबारा से उल्लेख हो सके।
आखिर क्यों तोड़ा गया विश्वेश्वर मंदिर?
Today Breaking News Gyanvapi Masjid: आप सभी को यह जानकर बड़ी हैरानी होगी कि उत्तर प्रदेश के विश्वेश्वर मंदिर को औरंगजेब ने तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद का नाम दे दिया था। औरंगजेब ने अपने समुदाय को बढ़ावा देने के लिए विश्वेश्वर मंदिर को तोड़कर अपने समुदाय के साथ एक खास मस्जिद का निर्माण करवाया था। लेकिन यह बात कहां तक छिपाने वाली थी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आते ही ज्ञानवापी परिसर के मुद्दे को ध्यान में रखा गया और ASI सर्वेक्षण की टीम गठित करके परिसर की जांच करवाने का आदेश दे दिया गया।
Today Breaking News Gyanvapi Masjid: आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं ज्ञानवापी परिसर से जुड़े मुद्दे पर आप क्या कहना चाहेंगे वह भी आप कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। ज्ञानवापी मस्जिद रहना चाहिए या फिर मंदिर होना चाहिए कमेंट बॉक्स में बताना बिल्कुल ना भूले।
Note – यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि goodupdatetak.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।
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