Kumhar: प्रजापति कुम्हार समाज की ओर से राजस्थान के अलवर जिले में 27 अगस्त को महाकुंभ बैठक की जा रही है इसमें भारत की हर कोने से समाज के लोग शामिल होंगे इसके अलावा भी विदेशों से प्रजापति समाज के लोग इकट्ठा होने की उम्मीद है।
प्रजापति (Kumhar) महाकुंभ अलवर
राजस्थान प्रदेश के अलवर जिले में अब लगातार प्रजापति कुमार समाज बैठक कर रहा है और अपने हक की लड़ाई के लिए बार-बार प्रयास कर रहा है आपको बताना चाहिए कि राजस्थान में सबसे पहले प्रजापति महाकुंभ की बैठक जयपुर में की गई जहां लाखों की संख्या में समाज के लोग इकट्ठा हुए उसके बाद राजस्थान के जोधपुर जिले में महाकुंभ बैठक की गई उसमें भी लोगों ने जोरों शोरों से बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। अब राजस्थान के अलवर जिले में स्थित कंपनी बाग में (Kumhar) समाज की ओर से एक और प्रजापति कुम्हार (Kumhar) महाकुंभ 27 अगस्त को किया जा रहा है।
जिससे लोगों में काफी उत्साह और एक दिन समाज के नाम होने के लिए बहुत ज्यादा खुशी देखने को मिल रही है। राजस्थान के अलवर जिले में ही नहीं बल्कि देश के हर छोटे-बड़े क्षेत्रों में प्रजापति कुम्हार महाकुंभ को लेकर प्रतिदिन बैठक की जा रही है ताकि समाज के लोग महाकुंभ में ज्यादा से ज्यादा आ सके और अपनी मांगों को लेकर आवाज उठा सके इससे समाज में एकता दिखाई देगी। अलवर जिले में प्रजापति कुम्हार महाकुंभ की बैठक के कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री लोकेश प्रजापति को भी प्रजापति कुम्हार महाकुंभ में आने के लिए न्योता दिया है।
इसके अलावा प्रजापति महाकुंभ को लेकर अखिल भारतीय प्रजापति कुंभकार महासंघ के युवा प्रदेशाध्यक्ष देवकिशन प्रजापति ने भी अलवर में होने वाले 27 अगस्त को महाकुंभ में ज्यादा से ज्यादा लोगो के भाग लेने के लिए अपील की है।
वही उत्तर प्रदेश योगी सरकार के जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति की भी इस महाकुंभ में आने की संभावना है जिससे यहां सुरक्षा बढ़ाने के बंदोबस्त किए जा रहे हैं।
अलवर में होने वाले प्रजापति कुम्हार महाकुंभ के लिए भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाइजेशन के फाउंडर सत्यनारायण प्रजापति ने भी ज्यादा से ज्यादा लोगों को बुलाने के लिए अपील की है।
प्रजापति (Kumhar) समाज की प्रमुख मांगें?
राजस्थान के अलग-अलग जिलों में चल रही प्रजापति समाज कि महाकुंभ बैठकों में अपनी हक की लड़ाई और कुछ प्रमुख मांगों को लेकर समाज बार-बार इकट्ठा हो रहा है इस प्रकार अब 27 अगस्त को भी राजस्थान के अलवर जिले में प्रजापति (Kumhar) महाकुंभ में कुछ प्रमुख मांगे रखी गई है जो निम्न प्रकार है –
- जनसंख्या के आधार पर समाज के उम्मीदवारों को टिकट दिया जाए।
- राजस्थान में ओबीसी आरक्षण का बंटवारा हो।
- राजस्थान में श्रीयादे माता के नाम से बोर्ड का गठन किया जाए।
- कांग्रेस भाजपा प्रजापति समाज को राजनीति में उचित भागीदारी दें।
- हर जिले में बालिका छात्रावास के लिए सरकार जमीन दें।
कुम्हार जाती का इतिहास
अगर आप भी एक कुम्हार हो तो आपको कुम्हार जाति का इतिहास जरूर जानना चाहिए, आपको बता देगी कुमार जाति का इतिहास लिखित नहीं है नहीं इसकी कोई संविधान में चर्चा है लेकिन आपको बता दें कि पुराणों ग्रंथों और संबंधित पुस्तकों में कुमार समाज का जिक्र किया गया है और अभी भी किया जाता है। कुमार जाति का इतिहास ब्रह्मा जी से ही शुरू हो जाता है ब्रह्मा जी के बाद मुख्य रूप से दक्ष प्रजापति के रूप में पृथ्वी के पहले राजा हुए थे तब से ही कुम्हार जाति का इतिहास चला आ रहा है।
कुम्हार शब्द की उत्पत्ति संस्कृत की कुंभकार से हुई है। कुंभ+कार इसमें कुंभ का अर्थ होता है घड़ा या कलश (मिट्टी के बर्तन) और कार शब्द का अर्थ होता है बनाने वाला या कारीगर, जिससे इसका नाम कुम्हार पड़ा।
प्रजापति नाम कैसे पड़ा?
कुम्हार जाति वैदिक काल से ही चली आ रही है। वैदिक काल में ब्रह्मा जी द्वारा कुम्हारों को प्रजा के रचना करने वाले व व्यवस्थित करने वाले की उपाधि दी गई जिससे ब्रह्मा जी ने स्वयं प्रजापति नाम दिया था। इस समय सबसे पहले पृथ्वी का राजा प्रजापति दक्ष था। ब्रह्मा जी के द्वारा पृथ्वी की रचना करने के बाद प्रजापति दक्ष पर पृथ्वी पर सभी जीव जंतुओं को व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी दी गई तभी से ही कुम्हारों को प्रजापति कहा जाता है। हिंदू समाज में इसी के कारण सबसे पहले कोई भी मांगलिक कार्यक्रम होता है तो उसमें प्रजापति का नाम लिया जाता है।
I am Oliver, I am working on WordPress for six years, I have knowledge of most of the tools and plugins of WordPress, apart from this I started with content writing on WordPress.