Chandrayaan-3: चंद्रमा पर सूरज की रोशनी फिर से पहुंचने लगी है, वही चंद्रयान-3 और रोवर प्रज्ञान के फिर से जागने की उम्मीद है।
Chandrayaan-3
23 अगस्त को सफल लैंडिंग के बाद भारत का Chandrayaan-3 चंद्रमा की साउथ पोल पर अपना रिकॉर्ड बना चुका है चंद्रयान की सक्सेस लैंडिंग के बाद लैंडर और रोवर प्रज्ञान बाहर निकले जिन्होंने चंद्रमा की सतह पर 14 दिन तक लगातार खोज की इसके बाद चांद पर 14 दिन तक अंधेरा छा गया जिसके कारण रोवर प्रज्ञान और लैंडर वहीं बंद हो गए।
लेकिन आज एक बार फिर चंद्रमा की सतह पर सूरज की रोशनी पहुंचने लगी है जिससे अब फिर से कैलेंडर और रोवर दोबारा काम करना शुरू कर सकते हैं इसके लिए इसरो के वैज्ञानिक 22 सितंबर को फिर से रोवर प्रज्ञान को एक्टिव करने की कोशिश करेंगे।
चंद्रमा पर 14 दिन का दिन और 14 दिन की ही रात होती है चंद्रमा पर 23 अगस्त के बाद 14 दिन तक लगातार रोवर प्रज्ञान ने चंद्रमा की सतह पर चलकर खोज की थी और फिर वह चौथे दिन बाद बंद हो गया इसके बाद 22 सितंबर को फिर से रोवर प्रज्ञान की एक्टिवेट होने की इसरो के वैज्ञानिक कोशिश करेंगे।
इसरो की वैज्ञानिकों द्वारा ड्राइवर प्रज्ञान को फिर से एक्टिवेट करने की संपूर्ण तैयारी कर ली है इसके लिए इन्होंने 22 सितंबर की डेट तय की है। अब Chandrayaan-3 कैलेंडर और रोवर दोनों की एक्टिव होने की खुशखबरी अब जल्द मिल सकती है।
इसरो द्वारा लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को 4 सितंबर को स्लीप मोड में डाल दिया गया था इसके बाद अब इन्हें फिर से 22 सितंबर को एक्टिव करने की कोशिश की जाएगी क्योंकि अब चंद्रमा की सतह पर सूरज की रोशनी पहुंच चुकी है और अगर यह बिल्कुल सही रूप में सामान्य तरीके से स्वचालित होते हैं तो यह भारत के लिए एक बड़ी कामयाबी होगी।
लैंड और रोवर की स्वचालित होने की संभावना
चंद्रयान-3 की लैंड विक्रम और रॉबर्ट प्रज्ञान की सोलर पैनल पर सूरज की रोशनी पढ़ने के बाद स्वचालित होने की भी संभावना बन रही है इसको लेकर इसरो की वैज्ञानिकों का दावा है कि अगर सूर्य की रोशनी पढ़ने के बाद प्रज्ञान की सोलर पैनल पर रोवर स्वचालित होता है तो यह है भारत और इसरो के लिए बड़ी कामयाबी मानी जाएगी और यह आगामी समय के लिए भी स्वचालित हो सकता है।
इसरो द्वारा लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान 4 सितंबर को सिर्फ मोड में डाले गए थे क्योंकि 4 सितंबर के बाद चंद्रमा पर 14 दिन के लिए अंधेरा छा गया था इसके बाद आप फिर से चंद्रमा की सतह पर सूर्य की रोशनी पढ़ने लगी है रोवर प्रज्ञान की सोलर पैनल पर रोशनी पढ़ते ही यह स्वचालित हो सकते हैं अन्यथा इस इसरो द्वारा एक्टिवेट करने की कोशिश की जाएगी।
शायद आप सभी लोगों को यह नहीं पता होगा कि चंद्रयान-3 का मिशन कितने दिन का था यह जानना आपको जरूरी है इसलिए आपको बता दे की इसरो द्वारा लॉन्च किए गए Chandrayaan-3 मिशन का समय 14 दिन का ही था।
चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग के बाद चंद्रयान 3 से लैंडर विक्रम द्वारा रोवर प्रज्ञान बाहर निकल गया इसके बाद सबसे पहले रोवर की सोलर पैनल खोली गई। सोलर पैनल खुलने के बाद ही सूर्य की किरण रोवर प्रज्ञान की सोलर पैनल पर जाने लगी जिससे रोवर एक्टिव हो गया और इसका मिशन मात्र 14 दिन का ही था।
4 सितंबर के बाद चंद्रमा की सतह पर अंधेरा 14 दिन के लिए छा गया था। लेकिन अब फिर से 22 सितंबर को इसरो द्वारा चंद्रयान-3 की रोवर प्रज्ञान को एक्टिवेट करने की कोशिश की जाएगी अगर रोवर फिर से एक्टिव होता है तो यह भारत के लिए बड़ी ही कामयाबी मानी जाएगी और सफलता मानी जाएगी।
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भारत ने चंद्रमा पर बनाया अपना रिकॉर्ड
Chandrayaan-3 आप सभी को पता ही होगा कि 23 अगस्त को भारत ने चंद्रमा पर Chandrayaan-3 की सफल लैंडिंग कर ली है अब भारत का तिरंगा चंद्रमा की सतह पर लहरा रहा है इससे पहले भी कई देशों ने चंद्रमा की सतह पर अपना तिरंगा लहराया है।
लेकिन भारत ने अपना रिकॉर्ड इसलिए बनाया है कि चंद्रमा कि दक्षिण भाग पर अभी तक किसी भी देश ने खोज नहीं की है और ना ही अपने मिशन को लैंड करवा पाए हैं लेकिन भारत ने Chandrayaan-3 की दक्षिण भाग पर सफल लैंडिंग के बाद अपना नया रिकॉर्ड बना लिया है।
Note – यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि goodupdatetak.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसीभी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।
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