Ahoi Ashtami Puja Muhurt: अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है सभी जरूरी जानकारी जाने
Ahoi Ashtami : अहोई अष्टमी पूरे भारत में मनाई जाती है यह करवा चौथ के बाद यह व्रत किया जाता है यह व्रत भी निर्जला व्रत होता है क्योंकि करवा चौथ व्रत अपने पति के लिए किया जाता है मगर वही पर एक मां अपने संतान के लिए इस व्रत को उसकी दीर्घायु और उन्नति कामना के लिए इस व्रत को करती है।
अभी अष्टमी के दिन आई हुई माता की पूजा होती है और पार्वती माता को ही अहोई माता माना जाता है। यह व्रत हमेशा दीपावली के आठ दिन पहले मनाया जाता है और वहीं पर करवा चौथ के चार दिन बाद मनाया जाता है हमेशा इस व्रत को कार्तिक मास की अष्टमी को ही मनाया जाता है यह पूरे भारत में एक धूमधाम से मनाया जाने वाला व्रत है जैसा की करवा चौथ की तरह इस व्रत को कुछ हिस्सों में बहुत ही धूमधाम और से मनाया जाता है।
अहोई अष्टमी व्रत का मुहूर्त
Ahoi Ashtami : ज्योतिष आचार्य ने बताया है की अहोई अष्टमी 23 अक्टूबर 2024 बुधवार के दिन आधी रात अर्थात 1:18 से शुरू हो गई और अगले दिन 24 अक्टूबर की रात 1:58 पर समाप्त होगी और सूर्योदय की तिथि के अनुसार आई हुई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर दिन गुरुवार को रखा जाएगा।
अहोई अष्टमी पूजा शुभ मुहूर्त
Ahoi Ashtami : अहोई अष्टमी का शुभ मुहूर्त क्या है और इसी मुहूर्त में हमें आई हुई का पूजा पाठ करनी चाहिए तो शुभ चौघड़िया बताती हैं सुबह 6:27 से शुरू होकर 7:51 तक वहीं पर चल चौकड़िया चल चौघड़िया यह शुरू होती हैं।
सुबह 10:00 बजे से सुबह 10:00 से लेकर 12:05 तक मगर आप 6:00 बजे से लेकर शाम 4:18 इन सभी शुभ मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं वैसे सबसे ज्यादा शुभ मुहूर्त 4:00 बजे से लेकर 5:42 तक सबसे सर्वोत्तम मुहूर्त रहने वाला है।
अहोई अष्टमी शाम को अमृत चौकड़िया में शुभ मुहूर्त में 5:42 से लेकर 7:18 के बीच आप अभी माता के पूजन के बाद तर या चंद्रमा को अर्क देकर अपना व्रत पारण कर सकते हैं खोल सकती है।
अहोई अष्टमी की पूजा विधि क्या है
Ahoi Ashtami :निसंतान महिलाओं के लिए इस व्रत को करना बहुत जरूरी होता है हिंदू धर्म के अनुसार जिनके संतान नहीं होती हैं तो वह महिला इस व्रत को करें अभी अष्टमी उन पर कृपा बनाए रखती है और जल्द ही संतान प्राप्ति कर सकती हैं इस चंद्रमा को भी करवा चौथ व्रत की तरह चंद्रमा को अर्क देकर पूर्ण किया जाता है और उसे दिन अपने दीवार की आठ कोनो वाली पतली बनाई जाती है और उसके पास उसके बच्चे बनाए जाते हैंऔर और पूजा में स्वाउ माता और नंद भाभी चंपा चमेली की कहानी भी कही जाती है।
Note – यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि goodupdatetak.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसीभी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।
Comments are closed.