Disadvantages of Potato Vegetable: आलू की सब्जी दोबारा गर्म करना खतरनाक
Disadvantages of Potato Vegetable: खाना हमेशा गर्म और ताजा होना चाहिए। लेकिन वह इतना भी गर्म न हो कि शरीर को नुकसान पहुंचाए। हल्का गर्म खाना, पाचन तंत्र में मौजूद एंजाइम को तेजी से रिलीज करता है। जिसके चलते खाना जल्दी पचता है और सेहत बनी रहती है। आयुर्वेदाचार्य पं. अभिषेक उपाध्याय बताते हैं कि गर्म खाना स्वाद में भी बेहतर होता है।
Disadvantages of Potato Vegetable: प्रोटीन टूटकर बनता जहरीला केमिकल, दोबारा गर्म साग भी पहुंचाता है नुकसान; ऐसे नेचुरली गर्म रखें खाना
लेकिन आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में लोगों को तीनों टाइम गर्म खाना मिल पाना मुश्किल है। इसके लिए लोग बासी खाने को बार-बार गर्म करते हैं। लेकिन ऐसा करना बहुत खतरनाक है। खासतौर से आलू, अंडा, चिकन और हरी सब्जियों के लिए।
खाने को बार-बार गर्म करने से उसके भीतर केमिकल रिएक्शन होता है जो पोषक तत्वों को जहर में बदल देता है। ऐसे में यह जान लेना जरूरी है कि खाना कब खतरनाक हो जाता है और इसे नेचुरली कैसे गर्म रखा जा सकता है।
आलू में पनपते हैं बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं विटामिन और मिनरल्स
लंच में आलू से बना कोई न कोई आइटम होता ही है। जिसे हम बार-बार गर्म करके खाते हैं। लेकिन जानकारों का कहना है कि आलू को दोबारा गर्म नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आलू में मौजूद विटामिन सी, बी-6 और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं।
उबले या पके हुए आलू में नॉर्मल टेम्प्रेचर पर क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम नाम का बैक्टीरिया पनपने लगता है। जो फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकता है।
इसीलिए जानकार आलू को पकाने को कुछ घंटों के भीतर ही खाने की सलाह देते हैं। पके या उबले हुए आलू को फ्रिज में रखना भी खतरनाक है। इससे इसमें बैक्टीरिया ज्यादा तेजी से पनपते हैं।
दोबारा गर्म करने पर अंडे का नाइट्रोजन जहरीला हो 100 जाता है
कई लोग सुबह नाश्ते में अंडा या ऑमलेट बनाते हैं और उसे लंच के लिए भी रख लेते हैं। फिर दोपहर में गर्म करके खाते हैं। लेकिन ये सेहत के लिए नुकसानदेह है।
अंडा में नाइट्रोजन होता है जो दोबरा गर्म करने पर कार्सिनोजेनिक में बदल जाता है। लंबे समय में कार्सिनोजेनिक कैंसर का कारण बन सकता है। यही वजह है कि अंडा को ज्यादा पकाए बगैर पहली बार में ही खा लेना चाहिए।
प्रोटीन और नाइट्रेट वाले खाने को गर्म करना ज्यादा खतरनाक
वैसे तो कमोबेश हर तरह के खाने को दोबारा गर्म करने से उसमें केमिकल रिएक्शन होता है लेकिन नाइट्रेट और प्रोटीन वाले खाने के साथ ऐसा करना ज्यादा खतरनाक है।
चिकन और सोयाबीन में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन होता है। दोबारा गर्म करने पर ये प्रोटीन टूटकर जहरीला बन
जाता है। जिससे फूड पॉइजनिंग हो सकती है।
हरी सब्जियों, साग, चुकंदर और गाजर में नाइट्रेट पाया जाता है। जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। लेकिन बार-बार गर्म करने से ये नाइट्रेट ऐसे केमिकल में बदल जाता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है।
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