ब्रस्पतिवार: जो कि हिन्दू कैलेंडर के अनुसार गुरुवार यानी गुरु देव के दिन को कहा जाता है, का व्रत बहुत से लोगों द्वारा किया जाता है। इस व्रत को करने के पीछे कई कारण हो सकते हैं और यह व्रत धार्मिक और आध्यात्मिक महत्त्व रखता है।
गुरु भक्ति: गुरु देव को समर्पित ब्रस्पतिवार का व्रत करने से लोग अपनी गुरु भक्ति का प्रदर्शन करते हैं। इसे व्रत करके वे गुरु देव के आदर्शों का अनुसरण करने और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
ज्ञान प्राप्ति: गुरुवार को व्रत करने से लोग ज्ञान की प्राप्ति के लिए संकल्प लेते हैं। वे अपने जीवन में ज्ञान, बुद्धि और समझ को बढ़ाने का इच्छुक होते हैं और गुरुवार को इस मार्ग पर अग्रसर रहते हैं।
ब्रस्पतिवार का व्रत रखने से क्या मान्यता है
ब्रस्पतिवार, जिसे अंग्रेजी में “Thursday” कहा जाता है, हिन्दू धर्म में महत्त्वपूर्ण दिन माना जाता है। ब्रह्मा, विष्णु और महेश के वृषभ (वृषभराशि) राशि के स्वामी ग्रह बृहस्पति (जुपिटर) को इस दिन पूजा जाता है और उनकी कृपा और आशीर्वाद के लिए व्रत रखा जाता है।
ब्रस्पतिवार का व्रत रखने से मान्यता है कि यह धन, संपत्ति, बुद्धि, ज्ञान और सुख-शांति को बढ़ाने में मदद करता है। यह व्रत रखने वाले लोग भगवान बृहस्पति की पूजा, आरती और मंत्रों का जाप करते हैं। इसके अलावा, व्रत के दौरान व्रती लोग विशेष प्रकार के आहार और ब्रतवास का पालन करते हैं।
ब्रस्पतिवार के व्रत को रखने से लोग अपनी गलतियों के प्रायश्चित्त करते हैं और अच्छे कर्मों को बढ़ावा देते हैं। यह व्रत समाज में समृद्धि, सौभाग्य, सम्मान और धार्मिकता को प्रमोट करने का भी एक तरीका माना जाता है।
इस व्रत का क्या महत्व है
ब्रस्पतिवार का व्रत हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व रखता है और इसे गुरुवार या बृहस्पतिवार के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु के दूसरे रूप, जिन्हें बृहस्पति या गुरु भी कहा जाता है, की पूजा एवं आराधना का अंग है। इसे बृहस्पति का व्रत भी कहते हैं।
ब्रस्पतिवार का व्रत करने से मान्यता है कि यह धार्मिक अनुष्ठान भगवान विष्णु और बृहस्पति की कृपा को प्राप्त करने में सहायता करता है और व्यक्ति को धन, सुख, समृद्धि और ज्ञान की प्राप्ति में सहायता प्रदान करता है। इसके अलावा, इस व्रत का पालन करने से विवाहित और अविवाहित महिलाएँ अपने पति की लंबी आयु और सुख-शांति की कामना करती हैं।
ब्रस्पतिवार के दिन गुरु देव की पूजा एवं अर्चना की जाती है। विशेष रूप से इस दिन गुरु मंत्र जप करने, गुरु स्तोत्र रचना करने और विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करने का महत्त्व है।
यह व्रत किस भगवान को समर्पित है
ब्रस्पतिवार व्रत विशेष रूप से हिन्दू धर्म में मान्यता प्राप्त किया जाने वाला एक व्रत है। इस व्रत को गुरुवार यानी ब्रस्पतिवार को किया जाता है, जो कि हिन्दू कैलेंडर में बृहस्पतिवार के नाम से जाना जाता है। यह व्रत महाभारतीय ज्योतिष शास्त्रों और हिन्दू धर्म के प्रामाणिक ग्रंथों में उल्लेखित है।
यह व्रत भगवान बृहस्पति (जिन्हें गुरु भी कहा जाता है) को समर्पित होता है, जो ज्ञान, शिक्षा, बुद्धि, धर्म और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं। इस व्रत का मुख्य उद्देश्य जीवन में सुख, समृद्धि और सम्पन्नता को प्राप्त करना होता है। यह व्रत लोगों को गुरु के आशीर्वाद से युक्ति, ज्ञान और ब्रह्मचर्य की शक्ति प्राप्त करने में सहायता करने का आश्वासन देता है। इस व्रत के दौरान व्रती व्यक्ति ब्रह्मचर्य, शुद्धता, सत्यनिष्ठा, आहार और विचारों पर नियंत्रण रखता है।
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