बदलते मौसम में त्वचा की देखभाल

जलन, फोड़े-फुंसियां, रैशेज जैसी स्किन एलर्जी से बचने के लिए घर पर करें उपचार

मौसम बदलते ही स्किन की जरूरतें बदल जाती हैं और कई स्किन प्रोब्लम्स भी शुरू हो जाती हैं। स्प्रिंग सीजन में स्किन एलर्जी की शिकायत बढ़ जाती है। फोड़े-फुंसियां, रैशेज, जलन जैसी स्किन प्रोब्लम्स होने लगती हैं। बदलते मौसम में स्किन एलर्जी से बचने के आसान घरेलू उपाय बता रही हैं ब्यूटी एक्सपर्ट शहनाज हुसैन |

हम सभी अच्छा दिखना चाहते हैं, चाहे कोई भी मौसम हो। लेकिन सर्दियां खत्म होने के दौरान यानी स्प्रिंग सीजन में कई लोगों को स्किन एलर्जी की प्रॉब्लम शुरू हो जाती है। स्किन ड्राई और खुरदुरी होने लगती है, साथ ही फोड़े-फुंसियां, रैशेज, जलन जैसी स्किन प्रोब्लम्स भी होने लगती हैं।

वसंत का आगमन स्किन एलर्जी वाले लोगों के लिए अक्सर समस्याएं लेकर आता है, जिसमें त्वचा की समस्याएं जैसे चकत्ते, जलन, खुजली जैसी स्किन प्रोब्लम्स शामिल हैं। चेहरे के साथ ही शरीर के अन्य अंगों में भी जलन, खुजली, रैशेज जैसी समस्याएं होने लगती हैं। जिन्हें स्किन एलर्जी की प्रॉब्लम है, उन्हें बदलते मौसम में अपनी त्वचा का खास ध्यान रखना चाहिए।

स्किन एलर्जी की वजहें

हमारी स्किन और स्कैल्प पर जो कुछ भी लगाया जाता है, वह उसे अवशोषित कर लेते हैं। ऐसे में जरा सी भी लापरवाही या गलत प्रोडक्ट के इस्तेमाल से सेंसिटिव स्किन एलर्जी के रूप में तुरंत या कुछ समय बाद प्रतिक्रिया करती है। उदाहरण के लिए, आई मेकअप के कुछ प्रोडक्ट्स में मौजूद लेड से एलर्जी होने लगती है। इसी तरह ऑयली स्किन पर यदि सही प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं किया गया तो मुंहासे, फोड़े फुंसियां या रैशेज हो सकते हैं।

कभी-कभी एलर्जी इतनी गंभीर हो जाती है कि रेस्पिरेटरी सिस्टम को प्रभावित कर सकती है। जिन्हें स्किन एलर्जी की प्रोब्लम रहती है उन्हें कोई भी प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट जरूर कराना चाहिए। साथ ही आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स का प्रयोग करना चाहिए।

एलर्जी होने पर यदि कोई गंभीर समस्या होती है, तो तुरंत स्किन स्पेशलिस्ट से कंसल्ट करें। हल्की एलर्जी होने पर आप घरेलू उपचार भी कर सकते हैं, फिर भी आराम न मिले तो स्किन स्पेशलिस्ट से उपचार कराएं।

स्किन एलर्जी से बचने के घरेलू उपचार

  • एलर्जी से हुए फोड़े-फुंसियों पर चंदन का लेप लगाएं। या फिर चंदन पाउडर को थोड़े से गुलाब जल में मिलाकर एलर्जी वाले स्थान पर लगाएं। 20 से 30 मिनट बाद सादे पानी से धो लें।
  • गुलाब जल में टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल स्किन एलर्जी में बहुत फायदेमंद है। इसके लिए दो बड़े चम्मच पानी या गुलाब जल में टी ट्री ऑयल की 2 बूंदें मिलाएं। इसे रैशेज, पिंपल्स, एक्ने या फोड़े-फुंसियों पर लगाएं।
  • दूध में थोड़ी सी हल्दी का पेस्ट मिलाएं और रैशेस वाली जगह पर लगाएं। दूध स्किन की गहराई से सफाई करता है और हल्दी के एंटीसेप्टिक गुण घाव को जल्दी ठीक होने में मदद करते हैं।
  • सेब का सिरका खुजली से राहत दिलाने में मदद करता है। इसमें एंटीसेप्टिक और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो सनबर्न और डैंड्रफ में राहत देते हैं। रूई का उपयोग करके खुजली वाले एरिया पर कुछ बूंदें सेब का सिरका लगाएं। खुजली वाली त्वचा के लिए एक मग पानी में एक बड़ा चम्मच सिरका मिलाएं और इसे शरीर के प्रभावित हिस्से पर डालें।
  • एक मुट्ठी नीम के पत्तों को 4 कप पानी में एक घंटे के लिए बहुत धीमी आग पर उबालें। इसे रात भर छोड़ दें। अगली सुबह पानी को छान लें और पत्तों का पेस्ट बना लें। इसे दाने और सूजन वाले एरिया पर लगाएं। एलर्जी वाले एरिया को धोने के लिए इस पानी का उपयोग करें। नीम में कार्बनिक सल्फर कंपाउंड होते हैं, जो स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
  • मुल्तानी मिट्टी जैसी मिट्टी का ठंडा और सुखदायक • प्रभाव होता है। गुलाब जल के साथ एक बड़ा चम्मच मुल्तानी मिट्टी मिलाएं। पेस्ट को एलर्जी वाले एरिया पर लगाएं और 15 से 20 मिनट बाद धो लें।

खाते हुए फोन पर बात करने से बढ़ता है। वजन

ज्यादा नींद और कम पानी पीना भी बढ़ाएगा फैट, जानें स्लिम रहने का फॉर्मूला

एक वक्त था जब मोटापा अमीरी की निशानी हुआ करती थी। किसके यहां खाने में कितनी घी डलता है, इससे लोगों की हैसियत आंकी जाती थी। लेकिन वो दौर अब गुजर चुका है। नए जमाने में मोटापा एक बीमारी है। जिससे बड़ी आबादी जूझ रही है और लोग इससे बचना चाहते हैं।

बदलती लाइफ स्टाइल और खानपान की आदतें लोगों की बॉडी में जरूरत से ज्यादा फैट जमा कर रही हैं। जिसके चलते एक समय बाद बॉडी पार्ट्स ठीक से काम करना बंद कर देते हैं और लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ जाते हैं।

एक अनुमान के मुताबिक साल 2016 तक देश में 14 करोड़ लोग मोटापे और ज्यादा वजन की समस्या से जूझ रहे थे। ये आंकड़ा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। दूसरी ओर, लोग आरामतलब लाइफ स्टाइल और फास्ट फूड का भी मोह नहीं छोड़ पा रहे। जिसके चलते मोटापे की समस्या और विकराल होती जा रही है।

8 घंटे से ज्यादा सोना

वैसे तो अच्छी नींद को सेहत का राज कहा जाता है। ‘वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ कार्डियोलॉजी’ में पढ़े गए एक रिसर्च पेपर के मुताबिक ज्यादा नींद और लंबी उम्र एक-दूसरे से सीधे जुड़ी हुई है। रिसर्च में पाया गया कि अच्छी और लंबी नींद लेने वालों की जिंदगी ऐसा न करने वालों के मुकाबले 4.5 साल तक लंबी हो सकती है।

लेकिन ऐसा तभी तक होता है जब नींद जब 7 से 8 घंटे की हो। इससे ज्यादा सोना वजन बढ़ने का कारण बन सकता है और लाइफ लंबी होने के बदले छोटी और बोझिल हो जाएगी। एक स्टडी के मुताबिक 8-9 घंटे से ज्यादा सोने वाला लोगों को मोटापे का खतरा 25% ज्यादा होता है।

मोबाइल या टीवी देखते हुए खाना

आजकल लोग लंच या डिनर को फ्री टाइम मानकर चलते हैं। ऐसे में खाना खाते हुए वो लगे हाथ दूसरे कामों को भी निपटाने की कोशिश करते हैं खाते हुए मोबाइल या टीवी देखना आम बात हो गई है। लेकिन ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। जब हम खाते हुए कहीं और ध्यान लगाते हैं तो निवाले को ठीक से चबा नहीं पाते हैं। कम चबाया हुआ खाना वजन को तेजी से बढ़ाता है।

कम पानी पीना

कम पानी पीना भी वजन बढ़ने का एक कारण है। जब दिन में कई बार पानी पिएं तो भूख कम लगती है। और और ओवर ईटिंग से बच जाते हैं। हाइड्रेट रहने पर फास्ट फूड की क्रेविंग भी कम होती है। यही वजह है कि जानकार वजन मेंटेन रखने के लिए खूब पानी पीने की सलाह देते हैं। सुबह के वक्त गुनगुना पानी ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।

जानें एक्सपर्ट की राय

डाइटीशियन कोमल सिंह बताती हैं आम तौर पर माना जाता है कि मोटापा फैटी चीजों को खाने से होता है। यह तो सच है कि फैटी फूड और ड्रिंक्स वजन बढ़ाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ इनके चलते ही वजन बढ़ता है।

हमारी रोजमर्रा की कुछ आदतें भी हमारा वजन बढ़ाती हैं। वजन कम करने के लिए फैटी फूड और ड्रिंक्स से दूरी बनाने के साथ-साथ इन आदतों से भी किनारा करने की जरूरत है। खाते हुए बात करना या टीवी देखना, 8-9 घंटे से ज्यादा सोना, कम पानी पीना, कम फिजिकल वर्क जैसी कुछ आदतें हैं जो तेजी से वजन को बढ़ाती हैं।

इसमें सुधार लाकर काफी हद तक स्लिम रहा जा सकता है। इसका सिंपल फॉर्मूला है। रोजमर्रा में हेल्दी आदतें अपनाइये और स्लिम रहिए।

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